🖍🌹भोपाल में जनसंपर्क विभाग एक गुमराह करने वाला विभाग है। 🌹🖍
भोपाल के जनसंपर्क विभाग में सरकार की बड़ी धनराशि विज्ञापन के नाम पर जनसंपर्क के कर्मचारी / अधिकारी कमीशन लेकर कुछ लोगों के साथ मिलकर बंदर बाट कर रहे हैं। इस विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त रूप से फैल चुका है । ऐसा बताया जा रहा कि सरकारी राशि की बंदर बाट एक बड़ा मिशन बन गया है और बदनाम समाज के चौथा स्तंभ को किया जा रहा है जबकि पत्रकारों को तो उनका अपना हक तक नहीं मिल रहा है ।
ऐसा बताया जा रहा है कि 75 % लघु पत्र-पत्रिका चलाने वाले सम्मानीय पत्रकार गणों का पेमेंट तक नहीं किया जा रहा है, यदि सरकार के चौथा स्तंभ कार्यप्रणाली वाले सभी सदस्यों का पेमेंट नहीं होता तो हम मान लेते , मगर इन लोगों ने श्रेणी बांट रखी है जिनकी सेटिंग है उनका भुगतान बराबर होता है और वे लोग ही विभाग का गुणगान करते दिखाई देते हैं पर वास्तविकता कुछ ओर ही है।
चाटुकार मीडिया जो इनके कहने पर चलता है जिन्हें समाज से कोई लेना देना नहीं है , और अगर आप इनके तमाम कार्यो पर जाओ तो वहां सब कुछ समझा जा सकता है।
माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने विभाग में सुधार के लिए आयुक्त पद पर आईएएस अधिकारी पी नरहरि की नियुक्ति की गई पर शायद वो भी ---- 🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍🖍
नगर निगम भोपाल की कार्य प्रणाली भी चर्चा में --- नगर निगम भोपाल के कुछ कर्मचारी सिर्फ चौथ वसूली करते हैं ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति प्रत्येक वार्ड में की गई है, नियमों के नाम पर , सूखा कचरा / गीला कचरा के नाम पर, वार्ड वासियों से फाइन के नाम पर डरा धमका कर अवेध वसूली की जा रही है इसलिये नगर निगम सफाई कर्मचारियों के कुछ लोगों पर कार्रवाई जरूर होना चाहिए उनके ही परिवार के लोग चौथ वसूली कर रहे हैं घर-घर जाकर दादागिरी करते हैं बदमाशों जैसे पैसे वसूलते हैं , रोड़ों पर झगड़ा करते हैं जिससे अशांति फैलती है चिल्ला चोट करके उनकी घर की महिलाएं कुछ लोग पैसे वसूल कर रही हैं और दारू पीकर आकर तांडव मचाती हैं इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है ।
*नगर निगम भोपाल में बहुत सारे बेरोजगार लोग हैं जो नगर निगम में सफाई का कार्य करने को तैयार है उन्हें भी मौका मिलना चाहिए ऐसे लगभग 50000 से ऊपर बेरोजगार लोग है जो सिर्फ 10000 रुपयो में 8 घंटे पूरा काम करने के लिए तैयार है कुछ तो 5000 में भी काम करने को राजी है उन लोगों को मौका देना चाहिए ।
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भोपाल जिला कलेक्टर कार्यलय के हाल भी ठीक नहीं है : --
हमने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जिला कलेक्टर ऑफिस में देखा है कि जहां पर वोटर आईडी के लिए लोग जाते हैं वहां के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्राइवेट कर्मचारियों को मक्कार बना के बैठा रखा है, जो उनके इशारे पर ही काम करते हैं । इस प्रकार की सरकारी व्यास्था भोपाल के तमाम ऑफिस के अंदर आप देख सकते हैं । उदाहरण के रूप में भोपाल हमीदिया हॉस्पिटल के अंदर के वरिष्ठ अधिकारियों को कंप्यूटर चलाना नहीं आता है उन्होंने प्राइवेट वालों को रखा है और वह अपने हिसाब से काम करते हैं मगर बिगर लिए दिए यहां कुछ भी काम नहीं होता है । इसी प्रकार यदिआप एक लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए जाएंगे वहां पर तीन से चार कर्मचारी लगभग उपस्थित रहते हैं लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए मगर शायद ही उनमे से कुछ ही लोगों को कंप्यूटर चलाना आता होगा , इसलिए उन लोगों ने प्राइवेट लोगों को हायर किया है , और वह मक्कारी करते हैं जो वरिष्ठ अधिकारी लोग करवाते हैं। उनके साथ में बैठे सरकारी कर्मचारी उनको सिखातें हैं कि कैसे कम काम किया जाए और पब्लिक को कैसे परेशान किया जाए। भोपाल राजधानी में आप लगभग सभी विभाग में इस प्रकार कार्य प्रणाली को आपअच्छे से देख सकते हैं । इनकी सच्चाई सबसे पहले जानना चाहिए और भ्रष्ट और बेईमान लोगों को तत्काल सरकारी काम से हटाना चाहिए और इन लोगों पर जांच करने के बाद ही कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए इन लोगों ने प्रदेश सरकार को व जिला प्रशासन को धोखे में रखकर जनता को बेवकूफ बना रहें हैं। ऐसे लोगों को काला पानी जैसी सजा मिलना चाहिए आज जनता इन लोगों के चक्करों में परेशान हैं , ये लोग सबसे बड़े देश के गद्दार हैं और देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। संकलनकर्ता : प्रवेश श्रीवास्तव 🙏🌹🌹🌹🌹