आज 2 अक्टूबर को जिनकी जयंती है : राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी एवं भारत के "बहादुर लाल ," भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🖍भारत रत्न श्री लाल बहादुर शास्त्री के रूप में हमारी भारत - माता को एक ऐसा चमकदार रत्न आज ही के दिन 2 अक्टूबर को मिला था जिसने ना केवल आगे चल कर सन 1965 में पाकिस्तानी आक्रमण के समय पूरे आत्म विश्वास और कुशल आक्रामक रणनीति के तहत पाकिस्तान और उसके तत्कालीन प्रधान मंत्री अय्यूब खां को ईंट का जवाब पत्थर से दिया था।हमारे प्रधानमंत्री जी ने पकिस्तान को ना केवल मुँह तोड़ जवाब दिया बल्कि जोश से लबरेज भारतीय सेनाएं पाक के लाहौर से मात्र 12 से 15 km की ही दूरी पर रह गई थी और राजस्थान के जैसलमेर सेक्टर में भी हमारी सेनाओं ने बहुत विशाल भूभाग अपने कब्जे में ले लिया था,इस विजयी अभियान के बीच देश के अंदर और विदेशों से युद्ध विराम का दबाव पड़ने लगा ,देश के अंदर के लोग परेशान होने लगे तथा पाकिस्तान से सबन्ध सुधारने की बात करने लगे ।🖍
🖍शास्त्री जी ने युद्ध शुरू होने से पहिले देश से वायदा किया था कि वो जीता हुवा भूभाग पाक को वापस नहीं करेंगे ,लेकिन ताशकंद समझौते में उन पर ना केवल अमेरिका और रूस द्वारा जमीन वापस करने की संधि पर हस्ताक्षर करने का दबाव पड़ रहा था बल्कि अपने देश के अंदर से भी कांग्रेस के लोग इस संधि पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिये सहमति बना कर दबाव बना रहे थ ताकि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित रह सके ।
इससे शास्त्री जी अत्यंत तनाव में थे,उस 10 जनवरी की रात वो ताशकंद में वो काफी देर तक सोये नहीं और अपने कमरे के बाहर बेचैनी से टहलते रहे ।🖍
🖍 उसी रात में साजिश के तहत दूध में ज़हर दे कर उनका काम तमाम करवा दिया गया ।
इस प्रकार एक ईमानदार प्रधानमंत्री के युग का अवसान हो गया ।भारत सरकार द्वारा इस हादसे की कभी जाँच नहीं कराई गई ।तर्क दिया गया कि जाँच के बाद रूस से हमारे संबंध ख़राब हो जायेंगे ।
भारत में जब उनका शरीर लाया गया, तो उनका पूरा बदन नीला पड़ चुका था और पूरे शरीर पर चंदन ऐसा कोई लेप पूरे शरीर पर लगाया हुवा था, ताकि शरीर का नीलापन आसानी से देखा न जा सके ।🖍
🖍इस प्रकार देश को
🖍"जय जवान ,
🖍जय किसान "
का नारा देने वाले ईमानदार नायक का मात्र 16 महीने में ही दुःखद अंत हो गया ।🖍
🖍भारत के इस बहादुर लाल के जन्मदिन के इस पावन मौके पर इनको अश्रुपूर्ण श्रधांजलि और शत - शत नमन !🖍
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आप बहुत याद आएंगे ।। विपिन जौौहरी